Monday, August 5, 2013

मेरे सभी exes को श्रद्धांजली

जिंदगी हमने भी जी है कहीं लम्बी मेरे यारो
सुनाने गर जो हम बैठे उमर भी ये पड़ेगी कम
किये है कारनामे जो हमने जिंदगानी में
वो गलती और वो पंगे कहाँ से अब करोगे तुम
कि जिन गलियों में जाकर उसको हम देख आते थे
तो किसी को यारो के छत पर हम बुलाते थे
के हो मैथ स्टूडेंट बायो लैब में जाना
उसके हाथ मरने को मेढक हम ही लाते थे
वो लड़की जिसके बॉयफ्रेंड  दो लड़के हमेशा थे
उसे फ्राइडे को फर्स्ट शो मूवी हम दिखाते थे।
वो लड़की जो CS72 में हरदम फ़ैल होती थी।
उसी लड़की के भरोसे हम हमेशा फ़ैल होते थे।
और वो पगली जो हमारे वास्ते कंप्यूटर पढ़ती थी।
उसी के वास्ते ही एप्टेक में हम पढ़ाते थे।
वो लड़की हमसे मिलने जो कैंप से आती थी।
उसे मंदिर में लड्डू मांग कर हम ही खिलाते थे
कोई एक और थी जिसको हमने अपनी साइकिल पे
घर से घुटुआ तक नॉनस्टॉप ले के जाते थे।
मेरी मुहबोली बहना की एक बडबोली सहेली थी
जिसके दोस्त सौ थे कमीनी फिर भी  सिंगल थी।
उसे रेस्तौरेंट में पिज़्ज़ा हमने खिलाया था उसी से सारा बिल भी हमने ही भराया था।
वो हॉस्पिटल की नर्स जिसको कभी न हम पटा पाए
उसी खुन्नस में उसकी ही बहन को भी पटाया था।
के मिलकर साथ सेटिंग की लडकियों से दोनों ने
वो दोस्त उनकी शादी में मेरे साथ आया था।
तड़प के अब भी कभी कल फ़ोन आता है
उस लड़की का जिसने डॉक्टर हस्बैंड पाया था
जिसको गाल में डिंपल कभी भी पड़ नहीं पाए।
उसी डिंपल की तारीफ में पोएम भी बनाया था।
तिवारी की बीमारी ठीक से हम जान न पाए।
गलतफहमी में उसकी फ्रेंड को हमने घुमाया था।
वो लड़की जिसके काले घेरे आंख में थे बहुत ज्यादा
मुझसे हार उसने बाद में प्रिंसिपल पटाया था।
किसी ने हाथ काटे तो किसी ने बाल भी काटे।
कोई ग्लूकोस दे दे कर मुझे हिम्मत दिलाती थी।
किसी दिल से आहे निकलती थी तड़प कर भी
सॉरी कह के सब को यु टर्न हमने घुमाया था।
के तब तक बस चुकी थी आंख में लड़की बड़ी सोहणी
उसी के वास्ते लफड़ो का करियर रुक भी पाया था।
अब तो कोई हो सूरत हमें बस वो ही दिखती है।
अफसाने  है बहुत सारे कहानी इक बनाई है।
के पन्ने जिंदगानी के कई अब तक है कोरे
के उसके साथ मिलकर कहानी और लिखनी है



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