Friday, January 31, 2014

गुजरता हूँ गधे लेके गली से तेरे

गुजरता हूँ गधे लेके गली से तेरे  ,
तेरे नखरो का बोझ मुझसे उठाया नहीं जाता।
घूमता हूँ पैदल मैं तेरे मोहल्ले में
अपनी बाइक में तेल मुझसे भराया नहीं जाता।
दूर रहता हूँ सभी दोस्तों रिश्तेदारों से
उधार इतना है की मुँह दिखाया नहीं जाता।
देखता हूँ आस तेरे फ़ोन करने की
बात ये है कि रिचार्ज कराया नहीं जाता
आंखे फ़ैल गई है किसी उल्लू की तरह
इंतजार ऐसे किसी से कराया नहीं जाता
यार तू मान मेरी बात बिन बढ़ाये कभी
अपने चाहने वालो को यु सताया नहीं जाता

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