Friday, January 17, 2014

Bachpan

ख्वाबो की जो लिस्ट बनाई थी बचपन में खेल खेल में
उसकी एक एक चीज़ हमारे पास अभी है
नए ख्वाब अब आते कम है
नींद ही मुश्किल से आती है
चलो लौट के फिर बचपन में
और बनाये लिस्ट एक जो
पहले से ज्यादा लम्बी हो
जीने के मकसद सब सारे
बचपन ही निश्चित करता है।
और जवानी धीरे धीरे
बुढ़ापे का रुख करता है
जब तक दिल से बच्चे हो तुम
जी भर के ख्वाबो को जी लो
कल जब होगा तब होगा
इस पल को इस पल ही जी लो।

No comments:

Post a Comment