Saturday, November 2, 2013

दिवाली मनाना है

बहुत दिन बाद दस बजे तक बेड पे लेटे है
बहुत दिन बाद फिर से दोस्तों से मिलने जाना है
बहुत दिन बाद सन्डे दूरदर्शन लगाया के
शायद आज भी डक टेल्स का रिपीट आता हो
हुआ अरसा चाट खाए हुए मैन रोड का
आज डिनर की जगह चाट और गोलगप्पे खाना है
दिवाली के पटाखे अब नहीं खीचते मुझको
दिवाली की मिठाई से ये दिन बनाना है
मेरे घर में हैं बच्चे और उनके पटाखे है
उन्ही से चुरा कर चार मिर्ची बम जलाना है
दिए में मजा जो है वो कहा बिजली की लडियो में
रेडीमेड छोड़ आज मिटटी के घरौंदे बनाना है।

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