हमारी साँस ही अक्सर हमें मजबूर करती है
वर्ना जीना बिना तेरे हमें अच्छा नहीं लगता
वर्ना जीना बिना तेरे हमें अच्छा नहीं लगता
हमारी आँख अक्सर इसी उम्मीद में खुलती
है
बिना देखे तुम्हे ये दिन बिताना अच्छा
नहीं लगता
तुम आओगे इसी उम्मीद के दम पे जीते है
कि कोई और आस अब हमें सच्चा नहीं लगता
तुम्हारी याद ही अक्सर हमें मजबूर करती
है
वर्ना शायरी करना हमें अच्छा नहीं लगता
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